आई.पी.ओ. क्‍या होता है?। आई.पी.ओ. में पैसा कैसे लगायें? What is IPO?। How to invest in IPO's?

स्‍टॉक मार्केट में I.P.O क्‍या होता है?
What is IPO in Stock Market?

स्‍टॉक मार्केट में I.P.O क्‍या होता है? What is IPO in Stock Market?

    सबसे पहले बात करें तो आई.पी.ओ. को हिंदी में प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्‍ताव मतलब(Meaning) इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग(Initial Public offering) कहा जाता है। जब कोई भी कम्‍पनी शेयर मार्केट(Share market) में खुद को रजिस्‍टर(Register) करवाती है तो उसे आईपीओ के द्वारा लाया जाता है। 

    आईपीओ को मतलब इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग होता है जिसको समझना आसान होता है क्‍योंकि इसकी फुल फार्म से ही पता चलता है कि ये कुछ ऑफर(offer) करने की बात कर रहा है।
    इसका हिन्‍दी अर्थ इसको और अच्‍छे से समझाता है प्रारंभिक सावर्जनिक प्रस्‍ताव जिसका अर्थ होता जब कम्‍पनी शेयर मार्केट(Share Market) में BSE या NSE पर रजिस्‍टर होती है तो कम्‍पनी अपना आईपीओ निकालती है जिसमें कोई भी व्‍यक्ति आईपीओ में निवेश कर सकता है।

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    आईपीओ के माध्‍यम से कम्‍पनी अपने काम को बढाने(Expand) के लिए पैसा जुटाती है जिससे कम्‍पनी को पैसा मिल जाता है और जो व्‍यक्ति, बैंक या कोई भी उस कम्‍पनी के आईपीओ में निवेश करता है उनको उस कम्‍पनी के शेयर मिल जाते हैं।
    
उदाहरण:- 
    जैसे मान कर चलते हैं कि हमें एक कैफे का बिजनेस खोलना है तो लाखों रूपये लगेंगे अब लाखों रूपये हमारे पास नहीं है तो हमें बैंक से लोन लेना पडेगा या किसी और से लोन लेंगे पर जो लोन हम लेंगे उस पर ब्‍याज भी लगेगा।
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    लेकिन बड़ी कम्‍पनीज अपनी कंंपनी को आगे बढाने के लिए आईपीओ के माध्‍यम से लोगों से पैसा इकट्ठा करती हैं जिससे कम्‍पनी के पास पैसा आ जाता है और लोगों के पास उस कम्‍पनी के शेयर आ जाते हैं।

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    आईपीओ लाने के पीछे कम्‍पनी के कई सारे कारण या लक्ष्‍य(Purpose) हो सकते हैं।

1. आईपीओ लाने के पीछे हो सकता है कम्‍पनी अपने आप को बढाना(Expand) चाहती हो।
2. कम्‍पनी को पैसे चाहिए हों अपने काम को चलाने के लिए( Working Capital) ।
3. कम्‍पनी के ऊपर कर्जा हो जिसको वा आईपीओ के माध्‍यम से पैसा इकट्ठा कर के चुकाना चाहती हो।

आईपीओ लाने के पीछे कम्‍पनी का कोई भी कारण हो सकता है।

आईपीओ(इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) में पैसा कैसे लगा सकते हैं? How to invest in IPO?
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    किसी भी आईपीओ में पैसा लगाने क‍े लिए आपके पास सबसे पहले अपना डीमेट अकाउंट होना चाहिए जिससे शेयर को खरीद और बेच सकते हैं और फिर जब भी किसी कम्‍पनी का आईपीओ निकलता है तो हम उसे खरीद सकते हैं।

    जब आईपीओ को हम खरीदते हैं तो उस में निम्‍नतम राशि (Minimum buy price) दी जाती है जिससे हम उतना पैसा लगा कर हम उस आईपीओ को खरीद सकते  हैं।
आईपीओ में पैसा (Invest in IPO) लगाना सरल होता है और ये आप अपने डीमेट अकाउंट से कर सकते हैं 

क्‍या आईपीओ में हमेशा फायदा ही होता है? Is IPO best for investments?

    जब हम आईपीओ खरीदते हैं तो उसमें ये तय(Confirm) नहीं होता है कि जितनी प्राइस(Price) उस आईपीओ के लिस्‍टेड(Listed) होने की दी है उस कीमत पर ही आईपीओ खुले। ऐसा हो सकता है कि आईपीओ कम कीमत पर भी लिस्‍टेड हो सकता है और ज्‍यादा कीमत पर भी हो सकता है।

    जैसे हाल ही में लिस्‍टेड हुए आईपीओ कुछ में फायदा भी हुआ तो कुछ में नुक्‍सान भी हुआ लेकिन शुरूआत में आईपीओ चुनने में परेशानी होती है लेकिन फिर समझ में आने लगता है।

कुछ आईपीओ:-
    पेटीएम, जुमैटो, हर्षा इंजीनियर्स आदि।

नोट:-
    ट्रेडिंग बहुत ज्‍यादा रिस्‍की होती है तो ट्रेडिंग करने से पहले सही से समझ लें और सारा पैसा न लगाएं। इसमें हो सकता है कि आप बहुत ज्‍यादा पैसा कमा लें लेकिन हो सकता है इसमें आप अपना सारा पैसा भी गवा दें तो सोच समझ कर ही ट्रेडिंंग करे और सीखने के बाद ही करें।

आई.पी.ओ. के फायदे Benefit of IPO(Initial Public Offering):-
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    हम जानते हैं कि एक आरंभिक सार्व‍जनिक पेशकश (IPO) वह प्रक्रिया है जिसके माध्‍यम से एक निजी तौर पर आयोजित कंपनी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है, जो जनता को अपने शेयरों की पेशकश करती है। आईपीओ के जरिए सार्वजनिक होने के कई फायदे होते हैं।
  1. पूंजी जुटाना(Rising Capital) :- एक कंपनी आईपीओ के जरिए जनता को कंपनी की स्‍वामित्‍व हिस्‍सेदारी बेचकर बहुत अधिक मात्रा में पैसा इकट्ठा करती है। आईपीओ के माध्‍यम से जमा किये गये पैसों को उपयोग कम्‍पनी को बढाने, कंपनी का कर्ज चुकाने या नई परियोजनाओं में निवेश करने के लिए किया जा सकता है।

  2. मूल्‍यांकन(Valuation) :- आईपीओ के माध्‍यम से सार्वजनिक रूप से जाना एक कंपनी को अधिक सटीक मूल्‍यांकन प्रदान कर सकता है, क्‍याेंक‍ि शेयरों की कीमत मांग और आपूर्ति की प्रक्रिया के माध्‍यम से बाजार द्वारा निर्धारित की जाती है।

  3. तरलता(Liquidity) :- सार्वजनिक होने से शेयरधारकों को अपने शेयर सार्वजनिक बाजार में बेचने की अनुमति मिलती है, जिससे उन्‍हें तरलता मिलती है और आसानी से अपने स्‍वामित्‍व के हिस्‍से को नकदी में बदलने की क्षमता मिलती है।
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  4. दृश्‍यता(Visibility) :- सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी होने से कंपनी की दृश्‍यता और पहचान बढ़ जाती है, जिससे ब्रांड जा गरूकता और कंपनी के प्रति ग्राहक का विश्‍वास बढ़ जाता है।

  5. कर्मचारी प्रेरणा(Staff Motivation) :- जब कोई कंपनी सार्वजनिक होती है तो उस कंपनी में कार्य करने वाले कर्मचारियों को कर्मचारी स्‍टॉक स्‍वामित्‍व योजना (ईएसओपी) में भाग ले‍ने का अवसर मिल सकता है, जो एक शक्तिशाली प्रेरणा(Motivation)  हो सकता है।

  6. कर्ज मुक्‍त (Debt Free) :- आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के माध्‍यम से कम्‍पनी को अपने विस्‍तार के लिए कर्ज लेने की आवश्‍यकता नहीं रहेगी क्‍योंकि उसको अपना विस्‍तार करने के लिए पैसा आईपीओ के माध्‍यम से मिल जाएगा जिससे कम्‍पनी कर्ज मुक्‍त भी हो सकती है जो कि किसी कम्‍पनी के लिए बहुत ही अच्‍छा माना जाता है।
    और भी ऐसे कई सारे फायदे आईपीओ के माध्‍यम से मिल सकते हैं। लेकिन किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले खुद अपने विवेक से काम लें। और कोई भी निवेश अपनी जिम्‍मेदारी पर करें।

    शेयर बाजार (Share market) निवेश जोखिमों के अधीन है इसमें निवेश सोच समझ कर करें और सीखने के बाद करना चाहिए और शेयर बाजार के बारे में और अधिक सीखने के लिए addastocks.com पर जाकर सीख सकते हैं।


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        हालांकि, निवेशकों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपनी निवेश रणनीतियों का अनुकूलन करने और दीर्घकालिक (Long term) आय (Income)  के साधन बनाने में जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नियमित रूप से अपने ज्ञान को बढाते रहें, वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करें और बाजार की स्थितियों की निगरानी करें।





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