शेयर बाजार में निवेश करने के लिए शेयर कैसे चुनें?
How To Choose A Right Stock To Invest.
अगर आप शेयर बाजार(Share Market) में निवेश के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको शेयर बाजार के बारे में थोडी जानकारी तो होगी कि शेयर बाजार क्या होता है, और अगर जानकारी नहीं है तो www.addastocks.com पर जाकर ले सकते हैं।
शेयर बाजार एक ऐसा माध्यम है जहां आप अपना पैसा निवेश कर सकते हैं, क्योंकि शेयर बाजार में कई सारी कम्पनियां रजिस्टर्ड(Registered Company) होती हैं जिनमें स्टॉक एक्सचेंज(Stock Exchange) के माध्यम से हम अपना पैसा शेयर बाजार में निवेश(Invest) कर सकते हैं।
हाल ही में पूछे जाने वाले सवाल:-
- फंडामेंटल जरूर देखें:- जब भी आप किसी शेयर में निवेश के बारे में सोच रहे हों तो सबसे ज्यादा जरूरी है उसका फंडामेंटल(Fundamental) देखें, क्योंकि जिस भी शेयर में आप निवेश करना चाहते हैं वह शेयर फंडामेंटली अच्छा होना चाहिए। यह बात भारत के सफल निवेशक(Investor) राकेश झुनझुनबाला ने बताई है कि निवेश करने के लिए फंडामेंटली स्ट्रोंग शेयर होना चाहिए। ताकि वह हमें हमारे निवेश किए हुए पैसे को बढाने में मदद कर सके। कम्पनी की बैलेंस सीट(Balance sheet) देखें और कम्पनी की फाइनेंसियल हेल्थ(Financial Health) और बुक बेल्यु(Book Value) चेक करें। फिर निवेश करें।
- शेयर की प्राईस :- शुरूआत में जब हम शेयर को चुनते हैं ताे सबसे पहले हम यह देखते हैं कि शेयर की प्राईस(Share Price) तो ज्यादा नहीं है अगर ज्यादा है तो हम उस शेयर को छोड़ देते हैं बिना उसकी जानकारी लिए। शेयर को सिर्फ उसकी प्राइस के आधार पर न खरीदें। क्योंकि जो शेयर अच्छा होता है उसकी कीमत(Price) ज्यादा ही होती है।
- शेयर के इतिहास(History) की जानकारी:- किसी भी शेयर को खरीदने से पहले हमें उसके पिछले सालों के व्यापार(Business) को देखना चाहिए कि मंदी के समय में भी कम्पनी(Company) ने कैसे काम किया। निवेश करने के लिए कम्पनी कम्पनी 5 से 10 साल पुरानी कम्पनी होना चाहिए। किसी भी नई कम्पनी में निवेश करने में रिस्क ज्यादा होता है। निवेश करने के लिए कम्पनी कम से कम 5 साल पुरानी होनी चाहिए। जैसे :- हिन्दुस्तान युनिलिबर, ब्रिटेनिया आदि।
- कम्पनी की लीडरसिप / मैनेजमेंट:- कम्पनी की सफलता(Success) के पीछे सबसे बड़ा हाथ उसके लीडर(Leader) और कम्पनी की मैनेजमेंट(Management) का होता है। लीडरसिप सही होती है तो अच्छा मैनेजमेंट हाेता है, अच्छा प्रोडक्ट(Product) आता है उसके फन्डामेंटल में सुधार होता है जिससे कम्पनी की ग्रोथ(Growth) बढ़ती है। सबसे दमदार बिजनेस लीडर रतन टाटा, मुकेश अम्बानी, गौतम अदानी, राधाकिशन दमानी आदि।
- कम्पनी पे कर्जा(Debt) कितना है:- किसी भी कम्पनी में निवेश करने से पहले पता करें कि कम्पनी के ऊपर कर्जा कितना है। क्योंकि अगर कम्पनी पे ज्यादा कर्ज होगा तो उसका जो भी फायदा होगा तो उसका फायदा तो कर्ज में ही चला जाएगा। शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए जितना हो सके जीरो कर्ज (Zero Debt) वाली कम्पनी में निवेश करें। जैसे :- टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज ।
- कम्पनी का फायदा(Profit) बढना चाहिए :- हम जिस शेयर में पैसा निवेश कर रहें हैं उस कम्पनी का फायदा कम से कम हर साल 25 प्रतिशत तो बढना चाहिए। मतलब कम्पनी अपट्रेन्ड(Uptrend) में होनी चाहिए, कम्पनी का फायदा हर साल बढना चाहिए। जैसे :- टाइटन आदि।
- रिटर्न ऑन इक्विटी बढना चाहिए:- रिटर्न ऑन इक्विटी(Return On Equity) कम से कम 15 प्रतिशत हर साल बढना चाहिए। रिटर्न ऑन इक्विटी में कोई कर्ज का पैसा शामिल नहीं होता इसमें सिर्फ शेयर होल्डर(Share Holder) का पैसा होता है, शेयर होल्डर के पैसों पर 15 प्रतिशत ग्रोथ होना चाहिए।
- कम्पनी का कैशफ्लो(Cashflow) बढना चाहिए:- हर साल कम्पनी का कैशफ्लो 20 प्रतिशत बढना चाहिए, मतलब कम्पनी की ग्रोथ बढनी चाहिए जिससे कम्पनी को आगे बढने में और ग्राेथ करने के लिए मदद मिले। ऐसा नहीं होना चाहिए कि कम्पनी किसी से उधार लेकर या कर्ज लेकर कम्पनी की ग्रोथ को बढा रहे होंं।
अगर आप लम्बे समय(Long Term) के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इन सभी पॉइंट को ध्यान में रखकर ही शेयर बाजार में निवेश करें। जिससे आपको अच्छा लाभ हो क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में लाखों कम्पनियां होती हैं और उनमें से सही कम्पनी को निवेश के लिए चुनना बहुत मुश्किल होता है।
किसी कम्पनी का शेयर कब बढ़ता है? When Share Price Increase?
जहां तक कि हम जानते हैं कि शेयर बाजार एक बिजनेस(Business) की तरह ही है जिसमें लोग अपनी बुद्धि और ज्ञान(Knowledge) के आधार पर पैसा कमाते हैं। शेयर बाजार में भी वही फार्मुला लागु होता है जो मार्केट में या किसी सब्जी मंडी में लागु होता है।
जिसे हम मांग और आपूर्ति(Demand and Supply) का नियम भी कहते हैं। मांग और आपूर्ति का नियम क्या कहता है कि अगर कोई वस्तु बाजार में कम मात्रा में उपलब्ध है और उस वस्तु की मांग ज्यादा है तो उस वस्तु के दाम बढ़ जाएंगे, लेकिन इसका उल्टा अगर कोई वस्तु मार्केट में ज्यादा मात्रा में उपलब्ध हो और उस वस्तु की मांग बाजार में कम हो तो उस वस्तु के दाम घट जाएंगे।
शेयर बाजार में भी यही नियम काम करता है लेकिन शेयर बाजार में शेयर की प्राईस(Price) तीन चीजों पर निर्भर करती है।
- वास्तविक विकास :- किसी कम्पनी की कमाई और उसके लाभांस में बढ़ोतरी हो तो कम्पनी की वेल्यु(Value) भी बढती है यह विकास कम्पनी की वास्तविक विकास(Actual Growth) को दर्शाता है कि कम्पनी वास्तव में आगे बढ़ रही है जिसके कारण कम्पनी का शेयर प्राईस(Price) बढने लगता है।
- मुद्रास्फीति वृद्धि :- अर्थव्यवस्था में कीमतों की सामान्य बढ़ोतरी होने के कारण भी शेयर बाजार में भी हलचल देखने को मिलती है जिससे शेयर का मूल्य भी बढ़ता है।
- सट्टा वृद्धि या गिरावट :- निवेश के लिए जनता की भूख में कोई वृद्धि या कमी । अगर कोई शेयर लोगों को अधिक पसंद आ रहा है और ज्यादा से ज्यादा लोग उस शेयर को खरीद रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि शेयर का प्राईस बढ़ेगा।
- वास्तविक विकास :- अगर किसी कम्पनी की कमाई घट रही है तो उस कम्पनी का लाभांस भी घटेगा और उस कम्पनी का शेयर भी घटने लगेगा।
- मुद्रास्फीति के कारण :- अर्थव्यवस्था में गिरावट आने से भी शेयर बाजार में शेयर की कीमतों(Price) पर भी असर पडता है जिससे लोग शेयर बाजार में कम निवेश करते हैं जिससे भी शेयर का प्राइस कम होने लगता है या गिरने लगता है।
- जनता की भूख में कमी :- शेयर बाजार में निवेश के लिए जनता की भूख में कोई वृद्धि या कमी से भी शेयर के प्राइस पर असर पड़ता है जैसा कि पहले बताया गया है कि अगर शेयर को ज्यादा से ज्यादा लोग खरीदेंगे(Buy) तो शेयर का प्राईस(Price) बढ़ेगा, लेकिन शेयर को ज्यादा से ज्यादा लोग बेच रहे होंगे तो शेयर का प्राईस भी गिरने लगेगा।
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