सफलता(Success) पाने के लिए हर व्यक्ति मेहनत करता है लेकिन जैसे-जैसे वह सफलता के नजदीक पहुंचता जाता है। उसके अन्दर घमन्ड(Ego) आने लगता है और वह अपने आप को गुरू से ज्यादा बेहतर मानने लगता है।
लेकिन जब वह बिना गुरू के मार्गदर्शन(Guidance) में आगे बढता है तो उसे बहुत सारी परेशानियों(Problems) का सामना करना पडता है। तब उसे समझ आता है कि जिंदगी में गुरू क्यों जरूरी(Importance of Teacher) होता है।
हिन्दी कहानी
(Motivational stories in hindi with moral):-
वह लडका खेलता, कूंदता और पढाई करता था, और कभी कभी वह अपने पिता कि माटी के घडे(Pots) बनाने में मदद भी करता था।
जब लडका घडे बनाता था तो वह घडा अपने पिता को बताता और पूछता कि पिताजी घडा कैसा बना है? तो उसका पिता देखता और बोलता घडा तो अच्छा बना है लेकिन इसमें एक कमी है उसको ढूंढो और ठीक करो।
हिन्दी रोचक कहानियां :-
- चिलम और सुराही की कहानी 2024 (2 Best Short Motivational Stories in Hindi)
- भोले-भाले गणेश की प्रेरणा दायक कहानी (Best motivational stories in hindi with moral)
- गुरू की महीमा (Network marketing motivational stories in hindi)
- सकारात्मक नजरिया क्यूं जरूरी होता है (Motivational story in hindi)?
- बंदर को कैसे पकड़ते हैं (Motivational stories in hindi)?
- जो हुआ अच्छा हुआ (Motivational stories in hindi)।
- तोते की कहानी। एकता की ताकत (Motivational stories in hindi)।
- नजरिया ही सफलता की चाबी है (Motivational stories in hindi)।
- पंडित जी और बकरी की शानदार कहानी (Motivational stories in hindi)
- बुजुर्ग व्यापारी की जबरदस्त मोटिवेशनल स्टोरी 2024 (5 Best Motivational Quotes in hindi)
तो लडका उस घड़े को और अच्छे से देख कर उसमें सुधार कर देता। और हर बार जब लड़का घडा बनाता तो वह हर बार अपने पिता से पूछता कि पिताजी घडा कैसा बना है? तो उसका पिता देखता और बोलता घडा तो अच्छा बना है लेकिन इसमें एक कमी है उसको ढूंढो और ठीक करो हर बार कुम्हार यही बोलता तो बच्चा उस घडे को दोबारा से देखता और फिर उस घड़े को और अच्छे से गोलाई देता।
अब धीरे धीरे वह लडका इसी तरह घडे को बनाने लगा और अपने पिता से पूछता तो कुम्हार उसे वही जबाब देता कि इसमें थोडी कमीं है देखो और इसमें सुधार करो और लड़का उसे देख कर ठीक कर देता और अच्छे से उस घड़े को गोलाई देता।
और ऐसा होते होते एक समय ऐसा आया कि मार्केट
में उस लडके का घडा 500 रूपये का बिकता और उसके पिता का घडा 400 रूपये में बिकता।
अब कुछ दिनों ऐसा ही चलता है और लडका घडे बनाते समय फिर अपने पिता से पूछता है कि पिताजी घडा कैसा बना है तो पिता फिर वही जबाव देता है कि घडा तो सही बना है बस थोडी सी कमी हैं देखो और उसे सही करो।
जैसे ही पिता ने ये बात बोली तो वह लड़का घमंड के साथ अपने पिता से बोलता है कि, आप हमेशा यही बोलते हो आपको कुछ नहीं पता मेरा घडा मार्केट में 500 का बिकता है और आपका 400 का मेरा घडा अच्छा बना है आप हमेशा कमी निकालते हो।
तो पिता चुप हो जाता है और फिर बोलता है कि
ठीक है बेटा तुझे जैसा अच्छा लगे बना। और फिर पिता अपने काम में लग जाता है और
लड़का अपने काम में लग जाता है।
अब धीरे धीरे जो लडका रहता है उसकी सेल गिरने
लगती है लेकिन जो पिता रहता है उसके घडे अब भी 400 के ही बिकते हैं तो अब लडका
हैरान होने लगता है कि ये क्या हो रहा है। कुछ दिनों बाद उसके घडों कि प्राइस और
कम होंने लगी तो वह परेशान हो जाता है और कुछ दिनों बाद परेशान होकर अपने पिता के
पास जाता है और उनसे बोलता है कि ऐसी ऐसी बात है मेरे घडे अब कोई लेता ही नहीं है।
तो वह जो कुम्हार होता है वह अपने बेटे को बताता है कि ये जो तुमने मुझसे बोला था कि मेरा घडा इतने का बिकता है और तुम्हारा घडा इतने का तो यही बात कुछ समय पहले मैंने अपने पिता से बोली थी जिसकी बजह से मैं यहां तक सीमित रह गया क्योंकि मैंने गलती कि उस बात को समझने कि लेकिन तुम इस बात को समझो कि कोई भी काम हम करते हैं तो उसमें कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है और उस काम को और अच्छे से किया जा सकता है, इसलिए कभी संतुष्ट मत होना हमेशा सुधार के लिए सोचना क्योंकि हम हमेशा पहले से बेहतर कर सकते हैं।
सीख
(Moral) :-
इस कहानी से आपको कई सारी सीख मिल सकती हैं बस
आपका नजरिया सीखने वाला होना चाहिए।
1. हमारा जो गुरू होता है वह हमेशा आगे बढ़ाने का प्रयास करता है और जो गुरू बोले उस बात को मान कर काम करना चाहिए बिना प्रश्न पूछे।(Without any Question) लेकिन गुरू भी सोच-समझकर बनाना चाहिए।
2.
हमें कभी भी अपने आप में संतुष्ट नहीं होना चाहिए उसको और अच्छा कैसे कर सकते
हैं इस पर ध्यान और लगन से काम करना चाहिए।
3.
किसी भी काम में कभी भी हमें घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि जब घमंड(Ego) आता है तो
हमारे सोचने समझने कि शक्ति को खत्म कर देता है।
तो जैसा कि इस कहानी में बताया गया है कि हमें कभी भी संतुष्ट(Satisfied) नहीं होना चाहिए हम अपने काम को हमेशा और बेहतर(Best) तरीके से कर सकते हैं। चाहे आप शेयर बाजार(Share market) में काम करते हों या नेटवर्क मार्केटिंग(Network marketing) में आप आगे बढते रहेंगे जब तक आप अपनी गलतियों से सीखते रहेंगे और अपने काम को और बेहतर करेंगे तो।
इसी तरह की और अच्छी सीख देने वाली कहानी के लिए यहां पर क्लिक करें।
आपको हमारी ये " Motivational Stories in Hindi / Motivational Stories" कैसी लगी ? कमेंट में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।
स्टॉक मार्केट(Stock market) में भी लोग तभी बर्बाद होते
हैं जब वह सीखना, फोकस करना या फिर
बारिकियों पर ध्यान देना बन्द कर देते हैं क्योंकि सीखना बंद तो जीतना बंद।
स्टॉक मार्केट में भी एक ऐसी ही कहानी है जो आपको जरूर जानना चाहिए। उसको आप addastocks.com पर जाकर पढ़ सकते हैं कि शेयर मार्केट में कैसे एक इंसान सफल हुआ और फिर सीखने और ध्यान न देने के कारण असफल हो जाता है।
इसी तरह की और अच्छी प्रेरणा दायक सीख देने वाली true motivational stories के लिए यहां पर क्लिक करें।
आपको हमारी ये " Motivational Stories in Hindi / Motivational Stories" कैसी लगी ? कमेंट में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।
स्टॉक मार्केट (Stock market) में भी एक ऐसी ही कहानी (Story) है जो आपको जरूर जानना चाहिए। उसको आप addastocks.com पर जाकर पढ़ सकते हैं कि शेयर मार्केट में कैसे एक इंसान सफल हुआ और फिर सीखने और ध्यान न देने के कारण असफल हो जाता है।
यह भी पढ़ें:-
तोते का सूप । एकता की ताकत। Motivational story in hindi 2023 । best Hindi Kahaniyan 2023
जो हुआ अच्छा हुआ ।Story in Hindi with moral । जो होता है अच्छे के लिए होता है। Hindi Motivational story.
बंदर को कैसे पकडते हैं Hindi Kahaniyan, motivational story for students
सकारात्मक नजरिया । Positive attitude, true motivational stories
Thanks to visit addastocks.com
0 टिप्पणियाँ