स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग क्या है?
What is Stock Market Trading?
स्टॉक मार्केट में प्रोफिट(Profit) कमाने के लिए शेयर बाजार में शेयरों का खरीदना और बेचना ट्रेडिंग कहलाता है। ट्रेडिंग के अलग- अलग प्रकार होते हैं, जैसे डे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और पोजीशन ट्रेडिंग, इनमें से प्रत्येक में ट्रेडिंग करने के लिए अलग-अलग समय सीमा में शेयरों को खरीदना और बेचना होता है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए पहले शेयर बाजार की अच्छी समझ(Knowledge) होनी चाहिए। जैसे शेयर बाजार कब ऊपर जा सकता है कब गिर सकता है शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों की गहराई से समझ होना चाहिए।
स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडरों को मुनाफे(Profit) को अधिकतम करने और जोखिमों(Risk) को कम करने के लिए खरीदने और बेचने के अवसरों(Opportunity) की पहचान करने में सक्षम होना चाहिए। स्टॉक मार्केट की हलचल के बारे में अच्छी समझ होना चाहिए।
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है? What is Insider Trading?
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में इनसाइडर ट्रेडिंग का मतलब होता है कि ऐसी सूचनाएं या जानकारी(Information) जो कि सार्वजनिक(Public) नहीं होती है, ये जानकारी सिर्फ अंदर के लोगों को पता होती है। जिसके आधार पर किसी कंपनी में ऊंचे पद पर काम करने वाला कोई व्यक्ति जिसको अंदर की जानकारी पता है वह शेयर बाजार(Share market) में उस अंदरूनी जानकारी के आधार पर निवेश करता है तो यह गैर कानूनी(Illegal) होता है।
यह संयुक्त राज्य सहित कई देशों में अवैध है, क्याेंकि यह उन लोगों को अनुचित लाभ देता है जिनके पास अंदरूनी जानकारी होती है।
इनसाइडर ट्रेडिंग कई तरह के रूप में हो सकती है। Type of Insider Trading.
- किसी कम्पनी के वित्तीय प्रदर्शन(Financial Statement) के बारे में, गैर-सार्वजनिक जानकारी(Non Public Information), जैसे कम्पनी की कमाई के परिणाम या बिक्री के आंकड़े, पर व्यापार करना, जिसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
- किसी कम्पनी की योजनाओं या रणनीतियों(Strategy) के बारे में, गैर-सार्वजनिक जानकारी पर व्यापार करना, जैसे लंबित विलय(Merge) या अधिग्रहण, जिसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
- अन्य व्यक्तियों को कम्पनी से जुडी अंदरूनी या गैर-सार्वजनिक जानकारी के बारे में टिप(Tip) देना, धन या अन्य एहसान जैसे लाभ के बदले में।
शेयर बाजार एक ऐसा माध्यम है जहां आप अपना पैसा निवेश कर सकते हैं, क्योंकि शेयर बाजार में कई सारी कम्पनियां रजिस्टर्ड(Registered Company) होती हैं जिनमें स्टॉक एक्सचेंज(Stock Exchange) के माध्यम से हम अपना पैसा शेयर बाजार में निवेश(Invest) कर सकते हैं।
हाल ही में पूछे जाने वाले सवाल:-
रजत गुप्ता का जन्म कोलकाता में हुआ, और किशोरावस्था में वे अनाथ हो गये। लोग ऐसे विशेषाधिकृत लोगों के बारे में बात करते हैं जो अपना जीवन थर्ड बेस पर शुरू करते हैं। गुप्ता तो बेसबॉल स्टेडियम भी नहीं देख पाये।
उस शुरुआत से आगे चलकर रजत ने जो उपलब्धियां(Achievement) प्राप्त की, वे अद्भुत हैं। लगभग 45 वर्ष की उम्र में गुप्ता मैकिन्से के सी ई ओ बन गये, जो विश्व की सबसे प्रतिष्ठित कंंसल्टिंग फर्म है। वे 2007 में सेवानिवृत्त(Retired) हुए जिसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और वर्ल्ड एकनॉमिक फोरम में अहम भूमिका निभायी।
उन्होंने लोक-हितैषी कार्यों में बिल गेट्स के साथ सहभागिता की। वे पॉच अन्य पब्लिक कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में सम्मिलित थे। कोलकाता की जुग्गी-झोपड़ी से निकल, गुप्ता अभी तक के सबसे सफल उद्यमियों(Businessman) में से एक बन चुके हैं।
सफलता के साथ साथ उन्हें प्रचुर संपत्ति भी मिली। 2008 में खबरों के अनुसार गुप्ता की शुद्ध संपत्ति $100 मिलियन थी। इतनी राशि अधिकांश लोगों के लिए अपरिमेय है। उस राशि का 5 प्रतिशत वार्षिक प्रतिफल प्रतिदिन लगभग $600 प्रति घंटा उत्पन्न करता है।
वे जीवन में जो चाहे वह कर सकते थे। और जो वे चाहते थे, वह मात्र एक सेंटा-मिलियनेयर बनना नहीं था। वे एक बिलियनेयर बनना चाहते थे। और वे हर हाल में यह पाना चाहते थे।
गुप्ता गोल्डमैन साक्स के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में से एक थे, जिसके कारण वे विश्व के कुछ सबसे अमीर निवेशकों(Investors) से घिरे हुए थे। एक निवेशक ने, प्राइवेट इक्विटी टाइकून के भुगतान दिवस का हवाला देते हुए गुप्ता के बारे में कहा, मुझे लगता है वे उस समूह में रहना चाहते हैं। वह एक अरबपतियों का समूह है, है न? गोल्डमैन जैसे अरबों खरबों का ही समूह है, सही है न?
बिल्कुल सही। और इस तरह गुप्ता को एक लाभप्रद अन्य काम मिल गया।
2008 में जब गोल्डमैन सक्स को वित्तीय संकट(Economic Crises) की मार झेलनी पड़ी वॉरेन बफेट ने इस बैंक को बचाने के लिए 5 बिलियन डॉलर की राशि निवेश करने का निर्णय लिया। गोल्डमैन बोर्ड का सदस्य होने के कारण गुप्ता को सामान्य जनता से पहले इस सौदे की जानकारी मिल गयी। यह एक मूल्यवान जानकारी थी। गोल्डमैन का अस्तित्व शंकास्पद था और बफेट के समर्थन से निश्चय ही उसके स्टॉक में उछाल आ जाता।
इस आगामी सौदे की जानकारी मिलने के 16 सेकंड बाद गुप्ता, जो गोल्डमैन बोर्ड मीटिंग की फोन कॉल पर थे, उन्होंने फोन रख कर राज राजरत्नम नाम के एक हेज फंड प्रबंधक को फोन मिलाया। कॉल रिकॉर्ड नहीं किया गया, लेकिन राजरत्नम ने तुरन्त गोल्डमैन साक्स के 175,000 शेयर खरीद लिये, तो आप समझ ही सकते हैं कि फोन पर क्या बात हुई होगी। कुछ घंटों बाद जनता के सामने बफेट-गोल्डमैन सौदे की घोषणा की गई। गोल्डमैन के स्टॉक में उछाल आया। राजारत्नम ने तुरंत 1 मिलियन डॉलर कमा लिये।
यह इस कथित चलन का बस एक उदाहरण है। एस ई सी का दावा है कि गुप्ता की भीतरी कमाई से उन्हें 17 मिलियन डॉलर का लाभ हुआ।
यह पैसा कमाने का आसान तरीका था। और, अभियोक्ताओं के लिए, यह और भी आसान मामला था।
गुप्ता और राजारत्नम दोनों भीतरी लेन-देन (Insider Trading) के जुर्म में जेल गये, और उनके करियर और प्रतिष्ठा दोनों हमेशा के लिए मिट्टी में मिल गये।
अब बर्नी मैडोफ का उदाहरण लीजिए। उसके अपराध के बारे में सब भली भांति जानते हैं। मैडोफ निवेशकों को दो दशकों तक ठगता रहा जब तक कि उसका अपराध पकड़ नहीं लिया गया-व्यंग्यपूर्वक रूप से गुप्ता के कारनामे के कुछ ही सप्ताह बाद।
यहां पर अनदेखा पहलु यह है कि मैडोफ, गुप्ता की ही तरह, एक जालसाज के अलावा कुछ और भी था। पॉन्जी योजना, जिसने उसे प्रसिद्ध बनाया, उससे पहले वह एक बेतहाशा सफल और विधि संगत व्यवसायी था।
मैडोफ एक बाजार निर्माता था, जिसका काम स्टॉक खरीदारों और विक्रेताओं को आपस में जोड़ना था। वह इस काम में बहुत अच्छा था। 1992 में द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मैडोफ की मार्केट मेकिंग फर्म का कुछ ऐसे बखान किया।
बर्नार्ड एल ने एक अन्यधिक लाभदायक प्रतिभूति फर्म स्थापित की है। मैडोफ इनवेस्टमेंट सिक्यूरिटीज, जो स्टॉक ट्रेड का एक विशालकाय भाग बिग बोर्ड के हाथ से निकाल ले जाती है। मैडोफ फर्म द्वारा एक्सचेंज में एलेक्ट्रानिक रूप से किया जाने वाला 740 मिलियन डॉलर का प्रतिदिन औसत ट्रेड न्यूयॉर्क एक्सचेंज का कुल 9 प्रतिशत है।
श्री मैडोफ की फर्म इतनी जल्दी और सस्ते में ट्रेड संचालित कर सकती है कि यह अन्य ब्रोकरेज कंपनियों को उनके ग्राहकों के आर्डर पूरा करने के लिए एक पेनी प्रति शेयर देती है, और इस प्रकार क्रय-विक्रय दर के अंतर से लाभ उठाती है जिसके लिए अधिकतर स्टॉक ट्रेड करते हैं।
यह किसी पत्रकार द्वारा किसी ऐसी धोखाधड़ी का वर्णन नहीं जो अभी बाहर नहीं आयी थी, मैडोफ का मार्केट मेकिंग व्यवसाय वैध था। एक भूतपूर्व कर्मचारी ने बताया कि मैडोफ के व्यवसाय की मार्केट मेकिंग शाखा प्रतिवर्ष $25 मिलियन से $50 मिलियन कमाती थी।
वर्नी मैडोफ का वैध, धोखाधड़ी रहित व्यवसाय हर तरह से बहुत सफल था। इसने उसे अत्यधिक-और वैध रूप से-समृद्ध बनाया। और फिर भी, धोखाधड़ी।
जो प्रश्न हमें गुूप्ता और मैडोफ दोनों से पूछना चाहिए, वह यह है, कि कोई ऐसा जिसके पास अरबों खरबों डॉलर हों, वह ओर अधिक पैसों के लिए क्यूं इतना बेताब होगा कि उसे पाने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दे।
वे लोग जो उत्तरजीविता के लिये संघर्ष(Struggle) कर रहे हों, उनके द्वारा किया गया अपराध अलग बात है। एक नाइजीरियन ठग ने एक बार द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि उसे दूसरों को चोट पहुंचाने से ग्लानि का अनुभव होता है, लेकिन 'गरीबी आपको दर्द महसूस नहीं होने देती'।
जो गुप्ता और मैडोफ ने किया वह अलग था। उनके पास पहले से सब कुछ था: अकल्पनीय संपत्ति, प्रतिष्ठा, शक्ति, स्वतंत्रता। और उन्होंने इस सब को जाने दिया क्योंकि उन्हें और अधिक चाहिए था।
उन्हें पर्याप्त का बोध नहीं था। ये बहुत सटीक उदाहरण हैं। लेकिन इस आचरण के गैर-अपराधी संस्करण भी हैं।
लॉन्गटर्म कैपिटल मैनेजमेंट हेज फंड में काम कर रहे कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से दसों सैकड़ों मिलियन डॉलर के मालिक थे, और उनकी संपत्ति में से अधिकांश उनके खुद के फंड में निवेशित थी। और अधिक पाने की लालसा में उन्होंने इतना जोखिम उठाया कि सब खो बैठे- 1998 में, इतिहास की सबसे दृढ़ अर्थव्यवस्था और सबसे अच्छे बुल मार्केट के बीच।
वॉरेन बफेट ने बाद में इसका इस तरह वर्णन किया:-
वह पैसा कमाने के लिए, जो उनके पास नहीं था और जिसकी उन्हें आवश्यकता भी नहीं थी, उन्होंने वह सब दांव पर लगा दिया जो उनके पास था और आवश्यक था। और यह मूर्खता है। यह साफ मूर्खता है। जो आपके लिए जरूरी है अगर आप उसे किसी ऐसी चीज के लिए दांव पर लगाते हैं जो जरूरी नहीं, इसका कोई मतलब नहीं बनता।
जो आपके पास है और जाे जरूरी है उसे किसी ऐसी चीज के लिए दांव पर लगाने का कोई मतलब नहीं जो आपके पास नहीं है और जिसकी आपको जरूरत नहीं।
यह एक ऐसी बात है जो उतनी ही प्रत्यक्ष है जितनी कि अनदेखी।
हममें से शायद ही कभी किसी के पास $100 मिलियन हों, जैसे गुप्ता और मैडोफ के पास थे लेकिन फिर भी वे असन्तुष्ट थे इसीलिए हमें अपने जीवन में संतुष्ट भी रहना आवश्यक होता है।
सफल बनने के लिए ये बाते जानना जरूरी है।
- सबसे कठिन वित्तीय कौशल गोलपोस्ट को चलने से रोकना है:- अगर नतीजों के साथ उम्मीदें बढ़ती रहें तो अधिक पाने की चेष्टा बढती ही जाती है, लेकिन पर्याप्त के बोध के बिना जीवन में कुछ मजा नहीं है। खुशी, जैसा कि कहा जाता है, उम्मीदों के बिना नतीजे हैं।
- यहां असल समस्या सामाजिक तुलना है:- एक व्यक्ति जो 1,50,000 रूपये महीने कमाता है वह हर परिभाषा से, अमीर है लेकिन वह उसी क्षेत्र में 5 लाख महीने कमाने वाले व्यक्ति से अपनी तुलना करता है। और वह व्यक्ति जो 5 लाख महीने कमाता है वह उस व्यक्ति से तुलना करता है जो 20 लाख महीने कमाता है। यही कारण होता है कि व्यक्ति अपनी तुलना दूसरे से करता है और असंतुष्ट रहता है, इसलिए तुलना नहीं करना चाहिए संतुष्ट(Satisfy) रहना चाहिए।
- 'पर्याप्त' बहुत कम नहीं होता:- पर्याप्त होने का विचार रूढिवाद के जैसा लग सकता है, जिसमें अवसरों और क्षमता को छोड़ दिया जाये। मुझे नहीं लगता यह ठीक है। पर्याप्त का मतलब यह समझना है कि इसका विपरीत- और अधिक की भूख- आपको पछतावे के छोर पर लाकर खडा कर देगी।
- बहुत सी चीजें जोखिम में डालने लायक नहीं होती, चाहे संभाव्य लाभ कितना ही अधिक हो:- प्रतिष्ठा अमूल्य है, आजादी और स्वावलंबन अमूल्य है, परिवार और दोस्त अमूल्य है, जिन्हें आप प्यार करते हैं उनसे प्यार पाना अमूल्य है, खुशी अमूल्य है और इन सबको बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका यह जानना है कि कब आपको वे जोखिम उठाना बंद कर देना चाहिए जो इन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। यह जानना कि कब आपके पास पर्याप्त है। अच्छी खबर यह है कि पर्याप्त का निर्माण करने वाला सबसे शक्तिशाली औजार अद्भुत रूप से सरल है, और ऐसे जोखिमों की मांग नहीं करता जो इनमें से किसी भी चीज को हानि पहुंचाये।
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