कई बार हम देखते हैं कि जब कोई व्यक्ति किसी को परेशान करता है तो कई लोग उस घटना को देख कर भी अनदेखा कर देते हैं और सोचते हैं कि हमें इससे क्या मतलब ये हमारी परेशानी(Problem) थोडी है।
वह इंसान जो गलत होते देखता है और यह सोचता है कि यह मेरे साथ थोडी हो रहा है उसका अन्जाम क्या होता है वह इस कहानी के माध्यम से बताने जा रहा हूं।
ये एक ऐसी कहानी है जो आपको हर जगह मदद(Help) करेगी चाहे आप नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस(Network Marketing Business) में हों या होटल के मैनेजर हों या आप किसी भी जगह काम करते हैं ये कहानी हर इंसान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इस कहानी(Story) के माध्यम से आपको पता चलेगा कि एकता की ताकत (Power of Unity) क्या होती है। जिस संगठन(Organization) में, जिस कम्पनी(Company) में या जिस घर में, यहां तक कि हर जगह जहां के लोगों में एकता(Unity) नहीं होती वह संगठन या परिवार कभी भी सफल नहीं होता और संगठन या परिवार जिसमें एकता नहीं होती है उसका जल्द ही पतन हो जाता है।
जिस तरह खाने में नमक की आवश्यकता होती है उसी तरह किसी भी संगठन(Organization) में एकता(Unity) की जरूरत होती है। एकता(Unity) के कारण संगठन(Organization) सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंंचता है।
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हिंदी कहानी (Hindi Motivational story):-
एक व्यक्ति था जिसका नाम था धन्ना सेठ। धन्ना सेठ एक जाना पहचाना अमीर व्यक्ति था। जिसकी पूरे शहर में चर्चा रहती थी।
धन्ना सेठ की पत्नी को जानवर पालने का बहुत शौक(Hobby) था। उसके पास तोता, मुर्गा, और बकरा पले हुए थे। क्योंकि धन्ना सेठ जब अपनी दुकान पर होता तो सेठानी तोते को खिलाती और अपना मनोरंजन(Entertainment) करती,
लेकिन इन सभी पालतु जानवरों के साथ एक चुहा भी रहता था जिससे सेठानी बहुत परेशान रहती थी क्योंकि चूहा सेठानी के कई सारे कपडों को कुतर देता था।
दिवाली के त्यौहार पर धन्ना सेठ अपनी पत्नी के लिए 5000 रूपये की एक बहुत शानदार साडी लेकर आता है, और सेठानी दूसरे दिन उस साडी को पहनने के लिए बहुत उत्सुक(Exited) थी।
दूसरे दिन जब सेठानी उस साडी को पहनने के लिए उठाती है तो देखती है कि उस साडी में एक बडा सा छेद हो रहा है, ये देखते ही सेठानी आग बबुला हो जाती है क्योंकि उस साड़ी को चूहा कुतर देता है जिससे साड़ी में छेद हो जाता है।
ये बात धन्ना सेठ को पता चलती है तो धन्ना सेठ सेठानी से बोलता है गुस्सा मत करो मैं तुम्हारे लिए दूसरी साडी ले आउंगा और चूहे को पकडने के लिए एक चूहा दानी भी ले आउंगा।
दूसरे दिन धन्ना सेठ चूहा दानी ले आता है। चूहादानी को देख चूहा डर जाता है, चूहा भागते-भागते तोते के पास जाता है और कहता है तोता भाई मुझे पकडने के लिए घर में चूहादानी आ चुकी, कुछ करना पड़ेगा। तो तोता बोलता है, चूहादानी तो तुझे पकड़ने के लिए है मुझे उससे क्या? और तोता उसकी मदद नहीं करता।
चूहा भागते-भागते मुर्गे के पास जाता है और मुर्गे से बोलता है मुर्गा भाई मुझे पकडने के लिए घर में चूहादानी आ चुकी, कुछ करना पड़ेगा। तो मुर्गा बोलता है, चूहादानी तो तुझे पकड़ने के लिए है मुझे उससे क्या? और मुर्गा भी उसकी मदद नहीं करता।
फिर चूहा बकरे के पास जाता है और उससे भी यही बोलता पर बकरा भी चूहे की मदद नहीं करता।
जब रात होती है तो सेठानी चूहे का इंतजार(Wait) कर रही होती है कि कब चूहा, चूहेदानी में फसे और कब वह अपनी नई साडी को कुतरने का बदला ले। कुछ देर बाद अचानक से खट की आवाज आती है और सेठानी जल्दी में बिना लाइट चालु किए चूहादानी के पास जाती है।
जैसे ही सेठानी उस चूहादानी को उठाती है तो उसे एक जहरीला सांप काट लेता है जो चूहे को खाने के लिए आया था और चूहादानी में फंस गया था। सांप सेठानी को काट कर वहां से भाग जाता है, और यहां सेठानी की चीख सुनकर धन्ना सेठ भी जाग जाता है, लाइट चालु करके देखा तो पता चला कि सेठानी को सांप ने काट लिया।
सेठानी को तुरन्त डॉक्टर(Doctor) के पास ले जाया जाता है। डॉक्टर सेठानी का चेकअप करता है फिर बोलता है कि इसका इलाज तो बहुत मुश्किल है क्योंकि सांप बहुत जहरीला था।
डॉक्टर बोलता है कि मैंने सुना है कि अगर सही समय पर तोते का सूप मिल जाए तो सांप का जहर तुरन्त उतर जाएगा और सेठानी को बचाया जा सकता है लेकिन तोता इतनी जल्दी कहां से मिलेगा, तो धन्ना सेठ कहता है हमारे पास एक तोता है। और फिर उस तोते का सूप बना कर सेठानी को पिलाया जाता है और चूहा यह देख रहा था।
फिर जब सेठानी थोडी ठीक हुई तो रिस्तेदार मिलने आए तो धन्ना सेठ, सेठानी के बचने की खुशी(Happy) में छोटी सी दावत(Party) देता है, और दावत में अब कड़ाई पर चढने की बारी मुर्गे की थी। और मुर्गे का चिकन बना कर रिस्तेदारों को परोसा जाता है और चूहा यह देख रहा होता है।
कुछ दिनों बाद जब सेठानी बिल्कुल ठीक हो जाती है तो धन्ना सेठ, सेठानी के बिल्कुल ठीक होने की खुशी में एक पार्टी(Party) रखता है। उस पार्टी में मटन बनाया जाता है और इस बार कड़ाई पर चढ़ने की बारी बकरे की थी। चूहा ये सब देख रहा था और सोच रहा था कि अगर इन्होंने मेरी मदद की होती तो ये सब आज भी जिंदा होते।
एकता की कमी के कारण सभी जानवरों की एक के बाद एक जान चली गई, लेकिन अगर उन्होंने चूहे की पिंजरे को तोड़ने या हटाने में मदद की होती तो सभी जानवर जिंदा होते, लेकिन उन्होंने एक दूसरे की मदद(Help) नहीं कि जिसका परिणाम(Result) यह हुआ कि वह सब के सब मारे गए।
सीख(Moral):-
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर हम एकता में नहीं रहते हैं और एक दूसरे का साथ नहीं देंगे तो हमारे साथ भी यही होगा। हमें कोई भी अकेला समझ कर फायदा उठा लेगा।
जब किसी अन्जान व्यक्ति के साथ कुछ गलत होता है तो लोग चुप रहते हैं, उन्हें लगता है कि हमारा परिवार तो सुरक्षित है हमें इससे क्या, लेकिन अगर एक व्यक्ति शराब पीकर गाडी चलाता है तो इसकी क्या गारंटी है कि उस शराबी की गाडी से आपके परिवार का एक्सीडेंट नहीं होगा।
अगर आप देखते हैं कि एक चोर जो दूसरे के घर में चोरी कर रहा है अगर आप पुलिस को खबर नहीं करेंगे तो इसकी क्या गारंटी है कि वह चोर आपके घर चोरी करने नहीं आएगा।
अगर आज किसी की बेटी की इज्जत पर हाथ डाला जा रहा और आप यह देखकर भी अन्देखा कर दें तो इसकी क्या गारंटी है कि कल आपकी बेटी की इज्जत पर हाथ नहीं डाला जाएगा।
इसलिए हमें एकता में रहकर हर व्यक्ति का साथ देना चाहिए और जुर्म के खिलाफ लड़ना चाहिए, क्यूंकि बटेंगे तो कटेंगे, जुडेंगे तो नेक रहेंगे।
अगर आप किसी ऑफिस(Office) में काम करते हैं और वहां पर एक अधिकारी(Officer) अपनी कुर्सी कि ताकत का इस्तेमाल कर लोगों को परेशान करता है, गार्डों को परेशान करता है और आप उनकी मदद नहीं करते हैं तो इसकी क्या गारंटी है कि वह अधिकारी आप को परेशान नहीं करेगा। ऐसा जरूर हाेगा क्योंकि पूरा स्टॉफ अगर एकता के साथ नहीं खड़ा हुआ तो वह अधिकारी सबको परेशान करने लगेगा।
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और यही हर जगह होता है अगर आप के परिवार(Family) में एकता नहीं है तो कोई दूसरा व्यक्ति इसका फायदा(Benefit) उठाकर आपके परिवार को खोखला कर देगा और आपके परिवार के टुकड़े टुकड़े कर देगा अगर आपके परिवार में कोई एकता नहीं होगी तो, क्योंकि बिना एकता के हमारा परिवार कमजाेर(Weak) हो जाता है और बाहर का व्यक्ति इसी कमजोरी का फायदा उठाने कि फिराक में रहता है।
1. हमेशा एकता(Unity) में रहना चाहिए।
2. हमेशा एक दूसरे की मदद करना चाहिए।
3. मुश्किलाें में एक दूसरे का साथ देना चाहिए।
4. संगठन में ही शक्ति(Power of Unity) हैै।
मुझे आशा है कि इस कहानी से आपको बहुत कुुछ सीखने को मिला होगा ऐसी ही और कहानियों(Stories) के लिए आप www.addastocks.com पर जा सकते हैं।
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