जब भी आप सब कुछ छोड़ने का सोचें तो एक बार यह Short Motivational story in hindi जरूर पढ़ें इससे आपके अंदर एक ज्वाला भड़क उठेगी और आप अपनी लाईफ में सफल हो जाऐंगे।
कई बार इंसान बहुत मेहनत कर रहा होता है लेकिन उसे मंजिल नही मिल रही होती और तब लगता है यार सब कुछ छोड़ दू कुछ नहीं हो सकता, मुझसे कुछ नहीं हो पाएगा तब ये स्टोरी (Story) हमेशा याद रखना मेरे दोस्त।
ये कहानी (Story) है एक ऐसे इंसान की जिसके जन्म लेते ही उसके मां बाप रोने लगते हैं कि ये बच्चा इस दुनिया में कैसे रह पायेगा क्योंकि इसके न हाथ हैं और न ही पैर।
ये सच्ची कहानी (True story) है एक ऐसे व्यक्ति की जिसके हाथ और पैर एक मछली की तरह बहुत ही छोटे हैं। इस कहानी (Story) से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा बस अपना नजरिया (Attitude) सही रखें।
एक जरूरी बात यह है कि इस कहानी (Story) को पूरा पढ़ें क्योंकि अधूरा ज्ञान बहुत ही खतरनाक होता है।
यह कहानी (Story) एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जिसका जन्म ऑस्ट्रलिया में हुआ जब उस बच्चे का जन्म हुआ तो उस बच्चे को देखकर डॉक्टर भी हैरान हो रह गए।
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जब उस बच्चे का उपचार हुआ तो पता चला कि उस बच्चे का जन्म टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम नामक दुर्लभ विकार के साथ हुआ है जिसमें हाथ और पैरों की अनुपस्थिति होती है।
ऐसे में डॉक्टरर्स को बहुत दुख हुआ और इस बारे में उनके माता पिता से बात कि जब उस बच्चे के बारे में डॉक्टरर्स ने बताया तो उस बच्चे के माता पिता रोने लगे कि हमारा बच्चा इस दुनिया में बिना हाथ पैर के कैसे रहेगा।
तो उस बच्चे के माता पिता ने बहुत सोच समझकर डॉक्टर से यूथेनेसिया (इच्छामृत्यु) के बारे में बोला कि हमारा बच्चा इस दुनिया में नहीं रह पायेगा क्योंकि बिना हाथ पैर के इस दुनिया में रहना उस बच्चे के लिए बहुत मुश्किल होगा।
यह बात सुनकर डॉक्टरर्स ने अपनी एक टीम बनाई और उस बच्चे का दोबारा से चेकअप किया गया और एक रिपोर्ट तैयार कि गई।
जब डॉक्टरर्स रिपोर्ट लेकर बाहर आये तो उस बच्चे के माता पिता ने फिर से यूथेनेसिया (इच्छामृत्यु) के बारे में बोला लेकिन डॉक्टरर्स ने साफ मना कर दिया कि ये जो बच्चा शरीर से भले ही कमजोर है लेकिन इस बच्चे का दिमाग बहुत पावरफुल है और हम इसे यूथेनेसिया (इच्छामृत्यु) नहीं दे सकते।
इस के बाद उस बच्चे को लेकर वह माता-पिता अपने घर आ जाते हैं और उस बच्चे कि अच्छे से देखभाल करते हैं लेकिन उन्हें उस बच्चे को देखकर उस पर दया आती थी और सोचते थे कि हमारे बच्चे का हमारे बाद क्या होगा, जब इस दुनिया में हम नहीं होंगे तब हमारे बच्चे का ख्याल कौन रखेगा?
वह बच्चा धीरे-धीरे बडा होता गया और जब उस बच्चे को यह बात पता चली कि उसके माता-पिता ने उस बच्चे के लिए यूथेनेसिया (इच्छामृत्यु) की मांग की थी तो उसे बहुत दुख हुआ।
उस बच्चे ने अब यह निश्चय कर लिया था कि कुछ भी हो जाए अब मैं अपने माता-पिता को और परेशान नहीं होने दूंगा और उन्हें इस दुख से बाहर निकाल कर ही रहूंगा।
जब कोई इंसान अपनी स्थिति अपने हालातों से लड़ने की ठान लेता है उसी वक्त से उस इंसान कि जिंदगी में परिवर्तन आने लग जाता है और ऐसा ही कुछ उस बच्चे के साथ हुआ।
उस बच्चे ने ठान लिया कि मुझे पूरी दूनिया में अपनी एक पहचान बनानी है और उसने यह कर के दिखा दिया। आज वह बच्चा पूरी दुनिया में एक मोटिवेशनल स्पीकर (Motivational Speaker) के रूप में जाना जाता है जिसके लाखों-करोड़ों चाहने वाले हैं।
वही बच्चा जिसके हाथ-पैर न होने के कारण उसके लिये यूथेनेसिया (Euthanasia) की मांग की गई थी आज वही बच्चा पूरी दुनिया में लोगों को मोटिवेट करता है।
उस सफल व्यक्ति का नाम है निकोलस जेम्स वुजिकिक (Nicholas James Vujicic) एक ऑस्ट्रेलियाई अमेरिकी ईसाई इंजीलवादी और सर्बियाई मूल के प्रेरक वक्ता हैं, जो टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम के साथ पैदा हुए हैं, यह एक दुर्लभ विकार है जिसमें हाथ और पैरों की अनुपस्थिति होती है।
इतनी बड़ी परेशानी होने के बाद भी निक वुजिकिक ने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है तो जाहिर सी बात है दुनिया का हर व्यक्ति कुछ भी कर सकता है बस खुद को पहचानने कि देर है।
आज निक वुजिकिक एक अच्छे मोटिवेशनल स्पीकर होने के साथ-साथ अच्छे स्विमर भी हैं, निक वुजिकिक का यूट्यूब चैनल (Youtube Channel) है जिससे करोड़ों लोग इंस्पायर होते हैं।
जाहिर सी बात है बिना हाथ पैर के भी एक व्यक्ति अपनी जिंदगी को इतना इंजोय करता है तो आप तो कुछ भी कर सकते हैं, जिंदगी में हर व्यक्ति की एक अलग पहचान होती है और हर इंसान के अंदर कोई न कोई खासियत होती है, बस हमें हमारी खासियत को पहचानना पड़ेगा।
और सिर्फ ऐसा एक बार नहीं है कि जब किसी व्यक्ति ने अपने विश्वास के दम पर दुनिया में अपना नाम कमाया है और अपनी जिंदगी को बदला है ऐसे और भी लोग हैं जिन्होंने अपने होंसलों से पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया।
दुनिया आप पर विश्वास करे उससे पहले आप को खुद पर विश्वास करना होगा।
सीख (Motivation story Moral):-
मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि कई बार हमें लगता है कि हमें भगवान ने कुछ भी नहीं दिया, हमारी जिंदगी बेकार है, हम कुछ नहीं कर पायेंगे तब ये सोचना चाहिए कि कई लोगों को तो उतना भी नहीं मिला जितना हमें मिला है।
हमारी एक समस्या है कि हमें भगवान से शिकायतें ही रहती हैं जबकि हमें तो भगवान का शुक्रअदा करना चाहिए हर उस चीज का जो उन्होंने हमें दी हैं क्योंकि कुछ लोगों के पास तो वह आँँखे ही नहीं हैं जो भगवान ने हमें दी हैं, कई लोगों के पास तो मेहनत करने के लिए तो उनके पास हाथ-पैर ही नहीं हाते जो भगवान ने हमे दिये हैं।
आज के इस दौर में ऐसे कई देश हैं जहां पानी और खाने का कोई ठिकाना नहीं है। हमें भगवान का शुक्र अदा करना चाहिए भगवान ने जो हमें दिया है।
और जो हमारे पास नहीं है उसे पाने के लिए मेहनत करो।
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