यह कहानी (Motivational Story in hindi) बहुत महत्वपूर्ण है, हर उस व्यक्ति के लिए जो व्यक्ति अपनी जिंदगी में एक अच्छा मुकाम हासिल करना चाहता है।
यह कहानी (Story) उस व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है जो नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस (Network Marketing story) में है, या सेल्स के व्यवसाय में है, या जिस व्यक्ति का एक ऊंचा लक्ष्य है और यह कहानी (Story) उस व्यक्ति के लिए भी है जो जल्द ही लोगों कि बातों में आ कर अपना लक्ष्य बदल देता है और असफल हो जाता है।
यह कहानी (Story) आपको बताएगी कि लोग आगे बढ़ने वाले व्यक्ति को कैसे रोकते हैं, जिस व्यक्ति का निश्चित लक्ष्य होता है उस का रास्ता कैसे भटकाने के लिए आते हैं।
इस कहानी (Story) को पढ़ने के बाद आप अपने रास्ते में आने वाली रुकावटों का आसानी से सामना कर जाएंगे और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए रास्ते में आने वाले भटकाव से भी बच पाऐंगे। (Motivational story in hindi)
यह कहानी (Story) आपको बताएगी कि जब आप अपनी सफलता के लिए आगे बढ़ते हैं तो रास्ता भटकाने वाले कैसे आपके लक्ष्य के प्रति भ्रमित करते हैं। तो आईए शुरूआत करते हैं आज कि हिंदी मोटिवेशनल कहानी (Motivational story in hindi)।
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हिंदी कहानी (Motivational story in hindi):-
एक गांव में एक बहुत ही प्रसिद्ध (Famous) पंडित रहा करता था। उस पंडित का नाम श्याम था। वह पंडित जिस गांव में रहता था वह उस गांव के प्रसिद्ध मंदिर पर पूजा करता था और सभी शादियां व सभी धार्मिक कार्य वही पंडित कराता था।
वह पंडित इतना प्रसिद्ध था कि आस-पास के सभी गांवो में उसकी चर्चा हुआ करती थी और सभी लोग उस पंडित का बहुत आदर (Respect) किया करते थे।
श्याम पंडित इतने प्रसिद्ध थे कि सभी लोग उन्ही से अपना धार्मिक कार्य कराने के लिए दूर-दूर गांव से बुलाया करते और अच्छा दान दिया करते थे।
एक बार पंडित जी अपने गांव से दूसरे गांव शादी कराने गए हुए थे। वह गांव पंडित जी के गांव से 4-5 गांव छोड कर था। पंडित जी जब शादी कराने के बाद वहां से लौट रहे थे तो उन्हे एक बकरी भेंट (Gift) स्वरूप दी गई।
जब पंडित जी बकरी को लेकर लौट रहे थे तो वह पैदल-पैदल अपने रास्ते बकरी को लेकर धीरे-धीरे आ रहे थे क्योंकि उनका गांव 4 गांव के बाद था।
जिस रास्ते से पंडित जी लौट रहे थे उस रास्ते पर चार ठग (चोर) रहते थे और वह आने जाने वाले लोगों को लूटा करते थे। जब उन चार ठगों ने पंडित जी को देखा तो बोलने लगे आज तो सुबह से कोई नहीं मिला है और हमारे खाने पीने की व्यवस्था भी नहीं हुई। चलो आज पंडित जी को ही लूट लेते हैं इनसे ये बकरी चुरा लेते हैं।
लेकिन उन में से एक ठग बोलता है अगर पंडित जी को मारा-पीटा तो सारे गांव वाले हमें छोडेंगे नहीं और हमें बहुत पाप लगेगा। तो ठग एक नई तरकीब निकालते हैं पंडित जी से बकरी छुडाने कि और चारों ठग अपने अपने काम पर लग जाते हैं।
पंडित जी जब पहले गांव पहुंचने वाले होते हैं तो वहां पहला ठग (Thief) उन्हें मिलता है जो एक साधारण व्यक्ति कि तरह पंडित जी से राम-राम करता है और उनके पैर पड़ने के लिए झुकता है लेकिन रुक जाता है और पंडित जी से बोलता है।
पंडित जी आप तो बहुत प्रसिद्ध (Famous) पंडित हैं और लोग आप कि बहुत इज्जत (Respect) करते हैं लेकिन आप इस गधे के साथ क्या कर रहे हैं।
तो पंडित जी गुस्सा हो जाते हैं और बोलते हैं अरे मूर्ख ये गधा नहीं ये बकरी है बकरी।
लेकिन वह ठग उनसे कहता है कि ये बकरी नहीं ये तो गधा है। पंडित जी आपको किसी ने बेवकूफ बना दिया।
तो पंडित जी फिर गुस्से से कहते हैं कि तू ही मूर्ख है, यह बकरी है न कि गधा, और यह बोलकर पंडित जी आगे चल पडे।
लेकिन पंडित जी के दिमाग में इस अनोखी घटना ने एक हल्का सा भ्रम (Doubt) डाल दिया और वह आगे निकल गये।
धीरे-धीरे पंडित जी आगे बढ़ रहे थे और वह दूसरे गांव पहुंचने ही वाले थे कि उन्हे वहां दूसरा ठग मिला जो कि बिल्कुल साधारण व्यक्ति कि तरह वहां खड़ा था और पंडित जी से राम-राम करता है और उनके पैर पड़ने के लिए झुकता है, लेकिन वह रुक जाता है।
पंडित जी पूछते हैं क्या हुआ रुक क्यूं गए तो वह बोलता है पंडित जी आप इस गधे को साथ लेकर क्यूं घूम रहे हो इससे आप खंडित हो जाओगे और लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे इस गधे को भगा दो।
पंडित जी को इतनी बात सुनकर बहुत क्रोध आता है और बोलते हैं तुम मूर्ख हो दिखाई नहीं देता यह बकरी है और तुम बोल रहे हो गधा है।
दूसरा ठग बोलता है कि ये पंडित जी आप को किसी ने पागल बना दिया यह बकरी नहीं यह तो गधा है, और ये आपके साथ रहेगा तो आपकी क्या इज्जत रह जाएगी।
यह सुनते ही पंडित जी सोचने लगे कि यह क्या बोल रहा है मैं तो बकरी लाया हूं पर ये सब इसे गधा क्यूं बोल रहे हैं, कहीं मैं सच में गधे को लेकर तो नहीं घूम रहा हूं।
अब पंडित जी सोच में पड़ जाते हैं, और वह ठग वहां से चला जाता है और पंडित जी भी आगे बढ़ने लगते हैं, लेकिन उनके दिमाग में यही बात चल रही होती है कि ये बकरी है या गधा।
जब पंडित जी तीसरे गांव में पहुंचने वाले होते हैं तो उन्हें वहां तीसरा ठग मिलता है और पंडित जी से राम-राम करता है, पंडित जी के पैर पड़ने के लिए झुकता है लेकिन रुक जाता है, पंडित जी हैरान हो जाते हैं और पूछते हैं कि क्या हुआ ?
तो तीसरा ठग बोलता है कि पंडित जी मैं आप से आशीर्वाद तो लेना चाहता हूं लेकिन इस गधे को आपके साथ देख कर मुझे अच्छा नहीं लग रहा। लोग आपको इतना मानते हैं आपसे पूजा कराते हैं लेकिन लोग आपको इस गधे के साथ देखेंगे तो क्या सोचेंगे।
इतनी बात सुन कर पंडित जी कहते हैं कि मैं इस गधे को गांव के बाहर छोडने जा रहा हूं, मुझे रास्ते में दयनीय हालत में मिला था और पंडित जी वहां से निकल जाते हैं।
कुछ लोगों कि बातों में आकर पंडित जी का विश्वास खुद से उठ जाता है उन्हें लगता है कि लोग सही बोल रहे हैं और मैं गलत हूं। लेकिन फिर सोचते हैं कि मैं सही हूं।
इसी तरह उनका विश्वास खुद पर से गिरने लगता है और सोचते हैं कि मैं अपने गांव पहुंचने वाला हूं अगर ये बकरी नहीं हुई और गधा हुआ तो लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे।
यही सोचते-सोचते पंडित जी चौथे गांव पहुंचने वाले होते हैं कि उन्हें चौथा ठग मिलता है और पंडित जी से राम-राम करता है और पैर पड़ने के लिए झुकता है लेकिन रुक जाता है, तो पंडित जी पूछते हैं क्या हुआ, तो वह ठग पंडित जी से बोलता है पंडित जी बाकी सब तो ठीक है आप इस गधे को साथ में लेकर क्यूं घूम रहे हो।
तो पंडित जी कहते हैं कि मैं इस गधे को गांव के बाहर छोडने वाला था, तो वह ठग बोलता है कि पंडित जी यह गधा आपको शोभा नहीं देता लोग क्या सोचेंगे आपके साथ यह गधा देख कर, आप इसे मुझे दे दीजिए मैं इसे बाहर छोड आउंगा।
तो पंडित जीअपने आप पर विश्वास को खो देते हैं और उस बकरी को गधा समझ कर उस ठग को दे देते हैं और अपनी बकरी को छोड कर आ जाते हैं।
और उन चारों ठगों की यह तरकीब काम कर जाती है और वह पंडित जी से बकरी छुडा लेते हैं और उसे बेचकर पैसा कमा लेते हैं।
इसी तरह हमारे आस पास भी हमारा रास्ता भटकाने के लिए बहुत सारे ठग जरूर मिलेंगे जो हमारा रास्ता भटकाना चाहते हैं। उनसे बचकर और खुद पर विश्वास रखना होगा तभी हम अपने लक्ष्य को पा सकते हैं।
सीख (Motivation story Moral):-
इस कहानी से हमें कई सारी सीख सीखने को मिलती हैं जिनसे हम अपनी सफलता का जल्द से जल्द पा सकते हैं।
- सबसे पहले तो हमें सीख मिलती है कि हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए । दूसरा व्यक्ति क्या कह रहा है उससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि रास्ता भटकाने वाले बहुत मिलेंगे। इस कहानी में भी वही हुआ है अगर पंडित जी को खुद पर पूरा विश्वास होता कि हां ये बकरी ही है तो वह अपनी बकरी को ठगों को नहीं देते। इसी तरह हमें भी अपने ऊपर विश्वास रखना होगा हमारी मंजिल हमारे सपनों के ऊपर विश्वास करना होगा।
- अगर हमें अपना लक्ष्य हासिल करना है तो हर किसी से सलाह नहीं लेना है और किसी भी व्यक्ति कि नकारात्मक बातों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि लोग तो सिर्फ आपको भटकाने के लिए आते हैं कि ये करलो वह करलो लेकिन अगर आपका कोई निश्चित लक्ष्य नहीं होगा तो आप कभी सफल नहीं होंगे। इसलिए अपना लक्ष्य बनाकर सिर्फ उसके ऊपर काम करो बिना किसी व्यक्ति कि बातों पर ध्यान दिए।
- जब आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए काम करते हैं तो रास्ता भटकाने और रास्ता रोकने बहुत सारे लोग आएंगे आपको उनका सामना करना होगा। नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस में भी यही होता है आपको बहुत सारे लोग मिलेंगे जो कहेंगे ये गलत काम है, आपको सफलता नहीं मिलेगी तो उनकी बातों पर ध्यान दिए बिना अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मेहनत करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। बस रास्ता भटकाने वालों से बच कर रहें क्योंकि राह भटकाने वाले जरूर मिलेंगे।
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