यह Motivational story in hindi with moral आपको बताएगी कि जीवन में एक सही गुरू का क्या महत्व होता है, और जब एक व्यक्ति के जीवन में एक सही मार्गदर्शक आता है तो हमारी जिंदगी कैसे परिवर्तित हो जाती है। तो आईए शुरूआत करते हैं आज कि हिंदी मोटिवेशनल कहानी (Motivational story in hindi)
कहते हैं कि एक विचार इंसान की जिंदगी बदल सकता है, शब्द ही हाते हैं जो किसी व्यक्ति की जिंदगी में बहुत बडा परिवर्तन ला सकता है इसलिए हमें हमारे शब्दों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
आज आपके सामने एक ऐसी स्टोरी बताने जा रहा हूं जो आपका जीवन बदल सकती है, बस आपको उसे पूरा पढना होगा और उसको समझना होगा।
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राजा बिम्बिसार के राज्य में एक व्यक्ति को लोगों ने इतना परेशान किया कि वह इन सब से परेशान होकर जंगल में चला गया और उसने प्रण किया कि वह 1000 लोगों को मार डालेगा।
जिस पहाडी पर वह व्यक्ति रहता था उस पहाडी पर जाने का रास्ता गांव वालों ने बंद कर दिया था ताकि वहां कोई जा न सके क्योंकि जो व्यक्ति उस पहाडी पर जाता वह व्यक्ति उस को मार कर उसकी अंगुलियों को काट लेता और अपने गले में डाल लेता था।
लोगों को मारकर उनकी अंगुलियों को काट कर उनकी माला बनाकर गले में डाल लेता था इसलिए लोगों ने उसका नाम डांकू अंगुलिमाल रख दिया।
एक समय जब महात्मा गौतम बुुद्ध बिम्बिसार के राज्य से भ्रमण कर रहे तो वहां पर एक औरत रोते रोते उनके पास पहुंची।
गौतम बुद्ध के शिष्य ने औरत से रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसका पति और बेटा एक व्यापारिक दल के साथ जा रहा था, लेकिन वह दल से पीछे रह गये।
जब उन्हें ढूंढा गया तो उनको मरा हुआ पाया गया और उनकी अंगुलियां काट ली गई थी तो गांव वाले समझ गए की यह काम अंगुलिमाल का है।
महात्मा गौतम बुद्ध ने डांकु अंगुलिमाल के बारे में गांव में पूछा तब उन्हें पता चला कि जिस पहाडी पर वह रहता है वहां से कोई नहीं जाता और जो जाता है उसे वह मार कर अंगुलि की माला बना लेता है।
महात्मा बुुद्ध डांकु अंगुलिमाल से मिलने उस पहाडी पर जाने लगते हैं तो उनका शिष्य और गांव वाले उन्हें रोकने लगते हैं। तो गौतम बुुद्ध कहते हैं कि डांकु अंगुलिमाल को मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है मुझे उससे मिलना ही होगा। इतना कह कर वह पहाडी की ओर चल देते हैं।
महात्मा गौतम बुद्ध अकेले ही डांकु अंगुलिमाल से मिलने चल देते हैं। पहाडी पर पहुंचते ही वहां पर उन्हें तलवार लिए डांकु अंगुलिमाल मिल जाता है। वह गौतम बुद्ध से कहता है कि हे सन्यासी वहीं रूक जा आगे मत बढना वरना मैं तुम्हें मार दूंगा।
यह बात सुन कर भी महात्मा बुद्ध नहीं रूकते और डांकु अंगुलिमाल के पास जाकर उससे भिक्खु बोलते हैं तो वह और भडक जाता है और बोलता है कि तुम्हें अपने प्राणों का मोह नहीं है मैं अभी तुम्हें मार दूंगा।
गौतम बुद्ध उससे पूछते हैं कि तुम ऐसा क्यों करते हो इन बेगुनाह लोगों को क्यों मारते हो तो डांकू अंगुलिमाल बोलता है कि तुम्हें नहीं पता इन लोगों ने मेरे साथ क्या किया है मेरा प्रण है कि मैं 1000 लोगों को मार दूंगा।
गौतम बुद्ध उससे बोलते हैं कि तुम इस पेड की एक टहनी काटो, तो वह पेड की टहनी को काट देता है और गौतम बुद्ध की तरफ देखता है।
फिर महात्मा बुद्ध बोलते हैं कि अब इस टहनी को बापस इस पेड से जोड दो और बैसा ही कर दो जैसा यह पहले था, तो डांकु अंगुलिमाल कहता है कि पागल हो क्या संन्यासी ऐसा थोडे ही हो सकता है।
गौतम बुद्ध डांकु अंगुलिमाल से कहते हैं कि काटना बहुत सरल है जोडना बहुत मुश्किल होता है तूने 999 को काट दिया अब एक को जोड के बता क्या ऐसा कर सकते हो।
गौतम बुद्ध उससे कहते हैं कि जब तुम इसे लगा नहीं सकते तो तुम्हें इसे काटने का भी अधिकार नहीं है इसी तरह जिन लोगों को तुमने मारा है क्या तुम उन्हें बापस जिंदा कर सकते हो।
डांकु अंगुलिमाल सर झुका कर निरूत्तर खडा रहता है, अब उसे समझ आ गया था कि वह क्या कर रहा था और वह गौतम बुद्ध के पैरों में गिर जाता है।
वह कहता है कि मैंने ये क्या कर दिया मुझे मेरे कर्मों से अवगत कराने वाले प्रभु आप कौन हो तो महात्मा बोलते हैं मैं हूं गौतम बुद्ध। महात्मा गौतम बुद्ध उससे बोलते हैं कि मेरी शरण में आ जाओ।
डांकु अंगुलिमाल गौतम बुुद्ध के पीछे-पीछे बुद्धम शरणम गच्छामि कहते कहते चलने लगता है, और वह संन्यासी बन जाता है।
यह बात राजा को पता चलती है कि डांकु अंगुलिमाल सन्यासी बन गया तो राजा बहुत खुश होते हैं, और सोचते हैं कि समस्या हल हो गई।
गौतम बुद्ध ने डांकु को भिक्षु बना दिया और बोला जाओ भिक्षा लेकर आओ वह उसी गांव में भिक्षा लेने गया जिनके घर बालों को उसने काटा था उन लोगों ने उसे पत्थर मारे बहुत पत्थर मारे और वह लहु-लुहान हो गया।
वह लहु-लुहानन गौतम बुद्ध के पास आता है तो बुद्ध पूछते हैं कि दर्द हो रहा होगा तो वह कहता है कि ये दर्द तो शरीर को हो रहा है आत्मा तो शुद्ध हो गयी है।
एक विचार ने डांकु अंगुलिमाल की जिंदगी बदल दी इसीलिए कहते हैं कि एक विचार आपकी पूरी जिंदगी बदल सकता है। जब एक डांकु, सन्यासी बन सकता है तो एक व्यक्ति बिजनेस करके करोड़पति क्यों नहीं हो सकता जरूर हो सकता है, बस आपको अपने विचारों को बदलने की जरूरत है।
सीख (Moral of the story) :-
- एक विचार (Thought) आपके जीवन में भूचाल ला सकता है आपकी दुनिया बदल सकता है। इसलिए अपने विचारों पर ठीक से विचार करना चाहिए।
- एक छोटा सा विचार (Thought) आपकी जिंदगी बदल सकता है एक विचार ने डांकु अंगुलिमाल की जिंदगी बदल दी इसीलिए कहते हैं कि एक विचार आपकी पूरी जिंदगी बदल सकता है। जब एक डांकु, सन्यासी बन सकता है तो एक व्यक्ति बिजनेस करके करोड़पति क्यों नहीं हो सकता जरूर हो सकता है, बस आपको अपने विचारों को बदलने की जरूरत है।
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